📰 भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए घोषित की पहली उम्मीदवार सूची
कई पुराने दिग्गजों को दोबारा टिकट, नए चेहरों की भी एंट्री — भाजपा ने दिखाई संगठन की मजबूती
पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी ने अनुभव और युवाशक्ति का संतुलन साधते हुए पुराने और नए दोनों तरह के चेहरों को मौका दिया है। कुल 110 सीटों पर भाजपा चुनाव मैदान में उतर रही है, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत उम्मीदवार नए चेहरे हैं।
सूची जारी करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि “भाजपा का लक्ष्य केवल जीत नहीं, बल्कि बिहार को एक नई दिशा देना है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी — “सशक्त बिहार, समृद्ध बिहार” के नारे के साथ।
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🔶 प्रमुख उम्मीदवारों की सूची
क्रमांक उम्मीदवार का नाम विधानसभा क्षेत्र जिला
1 नित्यानंद राय हाजीपुर वैशाली
2 संजय जायसवाल बेतिया पश्चिम चंपारण
3 मंगल पांडेय बक्सर बक्सर
4 नंदकिशोर यादव पटना साहिब पटना
5 रामसूरत राय बोचहां मुजफ्फरपुर
6 अश्विनी चौबे भागलपुर भागलपुर
7 सम्राट चौधरी परबत्ता खगड़िया
8 प्रेम कुमार गया टाउन गया
9 नीरज सिंह बबलू छातापुर सुपौल
10 हरिभूषण ठाकुर बचौल बिस्फी मधुबनी
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🟠 महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता
इस बार भाजपा ने महिलाओं को भी बड़ा प्रतिनिधित्व दिया है। पार्टी ने लगभग 15 महिलाओं को टिकट दिया है।
रानी पांडे (सीवान)
किरण देवी (जहानाबाद)
मीना सिंह (दरभंगा ग्रामीण)
सुषमा झा (पूर्णिया)
सम्राट चौधरी ने कहा कि “भाजपा मानती है कि बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र को और मजबूत करेगी।”
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🔷 युवा चेहरों को भी मौका
पार्टी ने कई युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
अमन चौबे (नालंदा)
अजय मिश्रा (सहरसा)
दिव्या झा (मधेपुरा)
इन युवा चेहरों से पार्टी को उम्मीद है कि वे नई ऊर्जा लेकर मैदान में उतरेंगे और जनता के बीच भाजपा की नीतियों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करेंगे।
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🔸 भाजपा की रणनीति: जातीय समीकरण + विकास एजेंडा
पार्टी के रणनीतिकारों ने बताया कि इस बार भाजपा का फोकस “विकास और सामाजिक समीकरण” दोनों पर रहेगा।
भाजपा ने सवर्ण, पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित समुदायों से संतुलित उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, बिहार के लगभग हर जिले में भाजपा ने स्थानीय लोकप्रियता को प्राथमिकता दी है।
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे में भाजपा को 110 सीटें, जदयू को 95 सीटें, और अन्य सहयोगियों को 38 सीटें मिली हैं।
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🔶 बिहार के राजनीतिक समीकरण में भाजपा की भूमिका
भाजपा इस बार भी चुनाव में एनडीए गठबंधन के प्रमुख स्तंभ के रूप में उतर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में भाजपा-जदयू गठबंधन ने बिहार में सत्ता बनाए रखने की रणनीति तय की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि “भाजपा और एनडीए बिहार के विकास की गारंटी हैं। हमें विश्वास है कि जनता इस बार भी हमारा साथ देगी।”
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🟡 विपक्ष पर भाजपा का निशाना
भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी करते ही राजद और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा — “राजद और कांग्रेस का गठबंधन केवल सत्ता की भूख में बना है। इन दलों ने बिहार को भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन की राजनीति में फंसाया। भाजपा बिहार को आत्मनिर्भर और रोजगारयुक्त बनाना चाहती है।”
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🔷 अनुभव और निष्ठा का मेल
इस सूची में ऐसे कई दिग्गज हैं जो वर्षों से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और संगठन की रीढ़ माने जाते हैं — जैसे नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, और रामसूरत राय।
वहीं पार्टी ने कुछ पुराने विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है ताकि संगठन में नई ऊर्जा आ सके।
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🟠 भाजपा के घोषणापत्र की झलक
भाजपा अपने घोषणापत्र में जिन मुख्य बिंदुओं पर फोकस करेगी, वे हैं —
1. हर जिले में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करना
2. कृषि में तकनीकी सुधार
3. युवाओं के लिए रोजगार सृजन
4. महिला सुरक्षा और स्वावलंबन योजनाएं
5. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण
6. हर गांव तक पक्की सड़क और इंटरनेट सुविधा
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🔶 पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया
नित्यानंद राय: “यह सूची प्रधानमंत्री मोदी के विजन और बिहार की आकांक्षाओं का मेल है।”
सम्राट चौधरी: “हम हर बूथ को जीत की प्रयोगशाला बनाएंगे।”
संजय जायसवाल: “भाजपा कार्यकर्ता परिवार की तरह है — और यही हमारी ताकत है।”
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🔷 जनता का रुझान
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की इस सूची को कार्यकर्ताओं और जनता दोनों का समर्थन मिल रहा है। कई क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद स्थानीय स्तर पर स्वागत जुलूस और बैठकें हुईं।
युवा मतदाताओं के बीच भाजपा के उम्मीदवारों के नाम सोशल मीडिया पर भी चर्चा में हैं।
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🟧 निष्कर्ष
भाजपा की यह पहली सूची बताती है कि पार्टी इस बार चुनाव में पूरी तैयारी और रणनीति के साथ उतर रही है।
विकास, रोजगार, और स्थिरता को केंद्र में रखकर भाजपा ने न सिर्फ उम्मीदवारों का चयन किया है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि वह बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।
पार्टी की अगली सूची अगले सप्ताह जारी होने की संभावना है, जिसमें शेष सीटों के उम्मीदवा
रों के नाम शामिल होंगे।
फिलहाल, इस पहली सूची से भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि चुनाव 2025 में उसकी नज़र सिर्फ सत्ता पर नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य पर है।


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