कौन होगा बिहार का मुख्यमंत्री? जेडीयू बोली- नीतीश ही रहेंगे, BJP ने कहा- विधायक तय करेंगे
बिहार की राजनीति में फिर वही पुराना सवाल लौट आया है—आखिर इस बार मुख्यमंत्री कौन बनेगा? चुनाव नतीजों के बाद माहौल ऐसा है जैसे पूरा राज्य इंतज़ार में हो, कोई भी पार्टी अभी खुलकर दांव खेलने को तैयार नहीं है, लेकिन बैकस्टेज पर हलचल तेज़ है। एक तरफ जेडीयू यह साफ कह रही है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे, तो दूसरी तरफ BJP ने गेंद अपने विधायकों के पाले में डाल दी है—“विधायक तय करेंगे”।
दोस्तों, आज हम इसी सियासी ‘कुर्सी युद्ध’ की कहानी को हल्के से नहीं, बल्कि गहराई से समझेंगे। बिहार की सत्ता, गठबंधन की राजनीति, अंदरूनी खींचतान और भविष्य के संकेत—सब कुछ मिलेगा इस हटके रिपोर्ट में।
---
1. चुनाव नतीजों के बाद क्यों बढ़ी बेचैनी?
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कई बड़े चेहरे और दावेदार सामने लेकर आए। किसी के पास बहुमत नहीं है, लेकिन सीटें इतनी हैं कि सरकार बनाने का दावा कोई भी कर सकता है। ऐसे माहौल में ‘मुख्यमंत्री कौन?’ सवाल सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।
NDA के भीतर खिचड़ी पक रही है
जेडीयू-NDA में CM चेहरा तय नहीं
बीजेपी पहली बार खुलकर ‘विधायक दल’ वाली लाइन पर
जेडीयू चाहती है नीतीश की कुर्सी सुरक्षित रहे
यानी सत्ता का सेंटर प्वॉइंट सिर्फ एक—कुर्सी, और उस पर कौन बैठेगा।
---
2. जेडीयू का साफ बयान: “नीतीश ही रहेंगे मुख्यमंत्री”
जेडीयू ने बिना किसी झिझक के साफ कहा है—
“नीतीश कुमार हमारे नेता हैं, और आगे भी रहेंगे।”
जेडीयू के यह बयान दो संकेत देता है:
1. पार्टी को डर है कि बीजेपी कहीं अपना चेहरा या नया दावेदार न थोप दे
2. नीतीश कुमार कई बार पाला बदल चुके हैं, इसलिए पार्टी चाहती है कि BJP पर पहले से दबाव बनाया जाए
जेडीयू नेताओं का कहना है कि:
राज्य जनता नीतीश को ही बेहतर विकल्प मानती है
विकास योजनाओं की निरंतरता जरूरी है
गठबंधन की मजबूती के लिए नीतीश जरूरी हैं
यह बात साफ है कि जेडीयू इस बार CM चेहरा किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहती।
---
3. BJP का जवाब गेमचेंजर क्यों है?
जब BJP ने कहा —
“मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल करेगा।”
बस यहीं से बिहार की राजनीति गर्म हो गई।
इस बयान का मतलब क्या है?
BJP नीतीश को ‘फाइनल CM’ नहीं मान रही
पार्टी अंदर से नए चेहरे का मन बना सकती है
बीजेपी यह बताना चाहती है कि नेतृत्व उनकी मर्जी से तय होगा
यह सीधा दबाव है जेडीयू पर कि वह ज्यादा शर्तें न लगाए
BJP के इस बयान ने पूरे राज्य में कयास तेज कर दिए कि क्या पार्टी अब खुद मुख्यमंत्री बनाएगी?
---
4. क्या BJP नए चेहरे को आगे बढ़ाने की तैयारी में?
सूत्रों और राजनीतिक समीकरणों के अनुसार BJP के यह विकल्प हो सकते हैं:
वरिष्ठ चेहरा – राज्य या केंद्र में अनुभव रखने वाला
नई पीढ़ी का चेहरा – युवा नेतृत्व जो आगे बिहार का चेहरा बने
OBC या EBC चेहरा – सामाजिक समीकरण दुरुस्त करने के लिए
कोई आश्चर्यजनक नाम – जिसे अंतिम समय में पेश कर दिया जाए
BJP लगातार यह बातें भी दोहरा रही है कि:
बिहार अब “स्टेबल और स्पष्ट नेतृत्व” चाहता है
गठबंधन राजनीति को “मैनेज करने वाले” नेता नहीं, “सशक्त निर्णय लेने वाला” नेता चाहिए
इसलिए नए चेहरे की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
---
5. जेडीयू-BJP रिश्तों में फिर तनाव?
नीतीश कुमार और BJP का रिश्ता ‘ऑन-ऑफ’ वाला रहा है। कई बार साथ आए, कई बार अलग हुए, फिर लौटे।
अब जब सरकार बनाने की बारी आई है, दोनों के बयान साफ दिखा रहे हैं कि:
दोनों ही पार्टियां ‘दबाव की राजनीति’ खेल रही हैं
जेडीयू अपनी कुर्सी बचाना चाहती है
BJP अपनी मजबूती का अहसास कराना चाहती है
सत्ता की कुर्सी पर ‘पहले हम’ की जंग शुरू हो गई है
अगर दोनों की सहमति नहीं बनी, तो राजनीतिक उलटफेर हो सकता है।
---
6. क्या जेडीयू के पास कोई दूसरा विकल्प है?
यह सवाल भी बिहार में चर्चा में है—अगर BJP नीतीश को CM नहीं बनाती, तो क्या जेडीयू गठबंधन बदल सकती है?
व्यावहारिक तौर पर:
जेडीयू के पास NDA से निकलकर RJD-Congress पक्ष में जाने का रास्ता खुला रहता है
पिछले अनुभव बताता है कि नीतीश के लिए पाला बदलना नया नहीं
लेकिन इस बार जनता का विरोध झेलना मुश्किल हो सकता है
RJD भी अब आसानी से नीतीश को CM चेहरा स्वीकार नहीं करेगी
इसलिए जेडीयू को BJP के साथ ही समाधान निकालना पड़ेगा।
---
7. बिहार की जनता क्या चाहती है?
लोगों में दो राय सामने आ रही है:
पहली राय:
नीतीश कुमार का अनुभव राज्य के लिए महत्वपूर्ण है।
उनके रहते प्रशासनिक स्थिरता मिलती है।
दूसरी राय:
बिहार को अब नया चेहरा चाहिए।
कई लोग थक चुके हैं बार-बार बदलते समीकरणों से।
यानी जनता भी दो हिस्सों में बंटी दिख रही है, ठीक वैसे ही जैसे गठबंधन की पार्टियां।
---
8. भविष्य का संकेत: कौन बन सकता है मुख्यमंत्री?
अब देखते हैं तीन प्रमुख संभावनाएँ—
1. नीतीश कुमार फिर से CM
अगर BJP और जेडीयू बीच का रास्ता निकालते हैं, तो नीतीश फिर मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
2. BJP का नया चेहरा
अगर बीजेपी अपने विधायकों की संख्या और दबदबे को आधार बनाए, तो वह अपना नेता चुन सकती है।
3. पाला बदल और नया गठबंधन
अगर दोनों में सहमति नहीं बनी, तो राजनीतिक भूचाल भी संभव है।
---
9. निष्कर्ष: बिहार में ‘कुर्सी’ की कहानी सिर्फ शुरू हुई है
बिहार का माहौल इस वक्त पूरी तरह से सियासी उबाल में है।
एक तरफ जेडीयू नीतीश के साथ खड़ी है, दूसरी तरफ BJP रणनीति से दबाव बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री कौन होगा?
इस सवाल का जवाब अभी स्पष्ट नहीं
, लेकिन इतना जरूर तय है कि:
बातचीत जारी है
दबाव की राजनीति चल रही है
हर पार्टी अपनी ताकत दिखा रही है
और जनता इंतज़ार में है
सियासत की यह लड़ाई अभी खत्म नहीं—अब असली खेल शुरू हुआ है।

0 टिप्पणियाँ