. नीतीश कुमार फिर इतिहास रचने को तैयार: एक नज़र भारत के सबसे लंबे शासन वाले मुख्यमंत्रियों पर।।

नीतीश कुमार फिर इतिहास रचने को तैयार: एक नज़र भारत के सबसे लंबे शासन वाले मुख्यमंत्रियों पर।।

 

As Nitish Kumar Eyes 10th Term: देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नेताओं पर एक नज़र


भारत की राजनीति में मुख्यमंत्री पद सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि जनता के भरोसे, राजनीतिक कौशल और रणनीतिक समझ का प्रतीक रहा है। कई राज्यों में ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने न सिर्फ लगातार वर्षों तक सत्ता संभाली, बल्कि अपने नेतृत्व की वजह से राज्य की राजनीति को नई दिशा भी दी। अब जब बिहार में नीतीश कुमार अपने 10वें कार्यकाल की ओर बढ़ते दिख रहे हैं, तो यह समय है देश के उन दिग्गज मुख्यमंत्रियों की चर्चा करने का, जिन्होंने सबसे लंबे समय तक शासन किया और अपने-अपने राज्यों में अमिट छाप छोड़ी।



इस ब्लॉग में हम सेंटर-फोकस रखते हैं नीतीश कुमार पर — साथ ही उन प्रमुख मुख्यमंत्रियों पर भी जो 15 से 20 साल या उससे अधिक समय तक सत्ता में बने रहे। यह विश्लेषण ऐतिहासिक, राजनीतिक और चुनावी परिप्रेक्ष्य को कवर करता है।



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परिचय: नीतीश कुमार का नया रिकॉर्ड और राजनीतिक सफर


बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक ऐसा नाम है जिसने गठबंधन, विकास, सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक संतुलन की कला को सबसे ज्यादा साधा है। 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने बार-बार सत्ता में वापसी की और समय-समय पर निर्णय लिए जिनके दूरगामी राजनीतिक परिणाम हुए। आज की तारीख में वे देश के उन कुछ नेताओं में शामिल हो चुके हैं जो लगातार या सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहे।


अब जैसे-जैसे उनका 10वां कार्यकाल चर्चा में है, राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि वह लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में और ऊपर पहुंचते जा रहे हैं।



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भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता


भारत में कई मुख्यमंत्रियों ने दो दशक से अधिक शासन किया है। आइए देखते हैं कौन-कौन रहे इस सूची में शीर्ष पर।



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1. पवन कुमार चामलिंग (सिक्किम)


शासन अवधि: 1994–2019 (लगातार 25 साल)


भारत के सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री पवन चामलिंग रहे हैं। उन्होंने सिक्किम को न सिर्फ राजनीतिक स्थिरता दी बल्कि विकास, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में इसे देश का मॉडल भी बनाया।

1994 से 2019 तक लगातार जीतना भारतीय राजनीति में एक अनूठा रिकॉर्ड है। चामलिंग की छवि एक विकासवादी नेता की रही, जिसने विपक्ष को लगातार कमजोर बनाए रखा और जनता के भरोसे को संभाला।



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2. ज्योति बसु (पश्चिम बंगाल)


शासन अवधि: 1977–2000 (लगातार 23 साल)


वामपंथी राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक ज्योति बसु ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में ऐसी पकड़ बनाई जिसे आज भी मिसाल के तौर पर देखा जाता है।

वे भारत के "सबसे सम्मानित" मुख्यमंत्रियों में गिने जाते हैं, जिनका मजबूत प्रशासन, ट्रेड यूनियनों से संबंध और वाम विचारधारा के प्रति निष्ठा प्रसिद्ध रही।

उनके समय में भूमि सुधार और पंचायत राज को नई मजबूती मिली।



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3. नवीन पटनायक (ओडिशा)


शासन अवधि: 2000–2024 (24+ साल और जारी)


ओडिशा की राजनीति में नवीन पटनायक का प्रभाव किसी चट्टान की तरह स्थिर रहा है।

उनकी सादगी, साफ छवि, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की पहचान, और आपदा प्रबंधन में ओडिशा को नई ऊंचाइयों पर ले जाना — यही कारण हैं कि वे 5 बार से अधिक मुख्यमंत्री बन चुके हैं।

पटनायक की कामयाबी दिखाती है कि शांत स्वभाव और मजबूत प्रशासन दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।



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4. नीतीश कुमार (बिहार)


शासन अवधि: 2005–वर्तमान (19+ साल, 10वां कार्यकाल संभावित)


नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। NDA, महागठबंधन और फिर NDA — वे गठबंधन की राजनीति के मास्टर माने जाते हैं।

उनकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल हैं:


बिहार में सड़क, बिजली और कानून-व्यवस्था में सुधार


महिला सशक्तिकरण और शराबबंदी जैसे बड़े निर्णय


शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में योजनाओं को लागू करना


राजनीतिक संकटों को संभालने की अनोखी क्षमता



आज जब वे संभवतः अपना 10वां कार्यकाल शुरू करने की ओर बढ़ रहे हैं, वे देश के "सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले" मुख्यमंत्रियों की शीर्ष सूची में शामिल हो रहे हैं।



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5. शेख अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर)


संयुक्त रूप से कुल शासन: लगभग 20 साल


अब्दुल्ला परिवार कश्मीर की राजनीति में दशकों तक प्रभावी रहा।

शेख अब्दुल्ला का कार्यकाल लंबे समय तक चला, जबकि बाद में फारूक अब्दुल्ला ने भी कई बार मुख्यमंत्री पद संभाला।

उनकी नीतियों ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में स्थिरता और पहचान को परिभाषित किया।



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6. शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश)


शासन अवधि: 2005–2023 (लगभग 18 साल)


मध्य प्रदेश के "मामा" के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान BJP के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से रहे हैं।

महिला कल्याण, लाड़ली लक्ष्मी योजना, किसान योजनाओं और ग्रामीण विकास के कारण वे जनता में खास पसंद किए गए।

लगभग दो दशक का यह कार्यकाल भारत के प्रमुख लंबे कार्यकालों में शामिल है।



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क्या नीतीश कुमार छू सकते हैं 20 साल का रिकॉर्ड?


नीतीश कुमार का नाम अब उन मुख्यमंत्रियों की श्रेणी में आ गया है जिन्होंने 15 से 20 साल तक शासन किया है।

अगर वे अपना 10वां कार्यकाल पूरा करते हैं, तो वे शीर्ष 3–4 सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्रियों के क्लब में मजबूती से पहुंच जाएंगे।


राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार:


बिहार में गठबंधन बदलना


राजनीतिक समीकरणों में महारथ


प्रशासनिक बैलेंस बनाना


विकास और सामाजिक योजनाओं पर फोकस



इन कारणों से वे आज भी सत्ता का प्रमुख चेहरा बने हुए हैं।



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क्यों लंबा कार्यकाल महत्वपूर्ण माना जाता है?


भारत जैसे विविधता वाले देश में लंबे समय तक शासन करने वाले नेता कई मायनों में महत्वपूर्ण होते हैं:


1. नीति निरंतरता


लंबे समय तक सत्ता में रहने से सरकार अपनी नीतियों को लागू करने के लिए पूरा समय ले पाती है।


2. राजनीतिक स्थिरता


स्थिर सरकार निवेश, विकास और आर्थिक योजनाओं के लिए जरूरी होती है।


3. जनविश्वास


लगातार जीत यह संकेत देती है कि जनता सरकार के कामकाज से संतुष्ट है।


4. प्रशासनिक मजबूती


अनुभव बढ़ता है और शासन प्रणाली को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है।



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निष्कर्ष: नीतीश कुमार का नाम राजनीतिक इतिहास में और ऊंचा


आज जब नीतीश कुमार 10वें कार्यकाल की ओर बढ़ रहे हैं, वे भारत के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हो गए हैं जिनका शासन दो दशकों के आसपास पहुंच चुका है।

चामलिंग, ज्योति बसु, पटनायक और चौहान जैसे बड़े नामों के बीच उनका स्थान बिहार की राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी महत्व रखता है


आने वाले समय में अगर वे अपनी राह पर चलते रहे, तो संभव है कि वे देश के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शीर्ष 3 मुख्यमंत्रियों में शामिल हो जाएं।


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