पुणे में भीषण हादसा: पुल पर ट्रक ने छह गाड़ियों को मारी टक्कर, 8 लोग जिंदा जले – चश्मदीदों ने बताया दिल दहला देने वाला मंजर
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दोस्तों, आज हम बात करेंगे पुणे में हुए उस भीषण सड़क हादसे की, जिसने पूरे महाराष्ट्र को हिला कर रख दिया। बुधवार देर रात पुणे के बाहरी इलाके में एक ओवरब्रिज पर बड़ा सड़क हादसा हुआ, जहां एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक के बाद एक छह गाड़ियों को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद कई गाड़ियों में आग लग गई और देखते ही देखते 8 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
यह घटना इतनी भयावह थी कि कुछ ही मिनटों में पूरा पुल धुएं और लपटों से भर गया। मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने में लगभग एक घंटे से ज्यादा का समय लिया।
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हादसा कैसे हुआ?
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार देर रात करीब 11:45 बजे पुणे-मुंबई हाईवे से सटे एक पुल पर यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि एक ट्रक, जिसमें सीमेंट की बोरियां लदी थीं, तेज रफ्तार में नियंत्रण खो बैठा और उसने आगे चल रही कार, ऑटो और दो बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई गाड़ियाँ एक-दूसरे से टकराकर पलट गईं और तुरंत आग की लपटों में घिर गईं।
टक्कर के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। जो लोग पास से गुजर रहे थे, उन्होंने तत्काल दमकल विभाग और पुलिस को सूचना दी। लेकिन जब तक राहत दल पहुंचा, कई गाड़ियों में बैठे लोग बाहर नहीं निकल पाए और जिंदा जल गए।
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चश्मदीदों ने क्या बताया?
घटनास्थल पर मौजूद एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि, “सिर्फ कुछ ही सेकंड में सब खत्म हो गया। पहले एक जोरदार धमाका हुआ, फिर आग की लपटें आसमान तक उठीं। कारों के अंदर फंसे लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि कोई पास नहीं जा सका।”
दूसरे चश्मदीद ने कहा, “ट्रक की स्पीड बहुत ज्यादा थी। ऐसा लगा जैसे ब्रेक ही फेल हो गया। टक्कर के बाद सड़क पर धुआं और चीखें ही सुनाई दे रही थीं।”
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दमकल और पुलिस की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही पुणे सिटी पुलिस, दमकल विभाग और NDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं। आग बुझाने के लिए चार दमकल गाड़ियां लगाई गईं। लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
दमकल अधिकारी ने बताया कि ट्रक में घर्षण के कारण लगी चिंगारी से आग फैल गई। हादसे में कुल छह वाहन जलकर खाक हो गए। प्राथमिक जांच में पता चला है कि ट्रक का ब्रेक फेल होने से यह दुर्घटना हुई।
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मरने वालों और घायलों की स्थिति
अब तक पुलिस ने 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि 11 लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं। घायलों को पुणे के ससून जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, तीन लोगों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है क्योंकि कुछ शव पूरी तरह झुलस गए हैं। पुलिस ने कहा कि डीएनए जांच के बाद ही मृतकों की पहचान की जाएगी।
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परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। मरने वालों में एक परिवार के चार सदस्य शामिल बताए जा रहे हैं जो किसी शादी समारोह से लौट रहे थे। एक अन्य गाड़ी में सवार युवक की शादी अगले महीने तय थी, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिख दिया।
स्थानीय लोग सुबह तक घटनास्थल पर डटे रहे। पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।
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पुलिस जांच और ट्रक चालक की तलाश
हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि ट्रक नागपुर से पुणे की ओर आ रहा था और उसमें ओवरलोड माल भरा हुआ था।
जांच अधिकारियों ने ट्रक मालिक और ट्रांसपोर्ट कंपनी को भी नोटिस जारी किया है।
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सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल
यह हादसा एक बार फिर भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है। पुणे जैसे बड़े शहर में भी ट्रक का इस तरह नियंत्रण खो देना और पुल पर इतनी बड़ी दुर्घटना का होना सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है।
राज्य सरकार ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही, पुणे ट्रैफिक विभाग को आदेश दिया गया है कि ऐसे पुलों और ढलानों पर भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
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स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुणे के जिला कलेक्टर ने बताया, “यह हादसा बेहद दुखद है। हमने राहत कार्यों को प्राथमिकता दी है। घायलों का पूरा इलाज सरकार के खर्चे पर किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को जांच रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर सौंपने के निर्देश दिए हैं।
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सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सड़क सुरक्षा और ट्रक चालकों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। ट्विटर (X) और फेसबुक पर #PuneAccident और #TruckCrash ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने सवाल उठाए कि आखिर क्यों ओवरलोड ट्रक सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ रहे हैं।
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निष्कर्ष: कब सुधरेगी सड़क सुरक्षा व्यवस्था?
पुणे का यह हादसा सिर्फ एक शहर की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है। हर साल भारत में हजारों लोग ऐसी ही लापरवाह ड्राइविंग, ओवरलोडिंग और सिस्टम की कमी के कारण अपनी जान गंवाते हैं।
सरकार को अब केवल मुआवजे की घोषणा से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे — जैसे सख्त नियमों का पालन, वाहन फिटनेस की नियमित जांच और ट्रक ड्राइवरों की जिम्मेदारी तय करना।
हादसे के बाद बचाव कर्मि
यों ने भले ही आग पर काबू पा लिया हो, लेकिन उन परिवारों के दिलों में लगी आग शायद ही कभी बुझ सके।

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